अक्सर Stage Anchoring, मंच संचालन या कोई कार्यक्रम में हमें ऐसी पंक्तियों अथवा शायरियों की आवश्यकता पड़ती है जिनमें तालियों की फरमाइश की जाती है। पिछले दिनों ऐसी दो शायरियां लिख पाया जो मैं इस ब्लाॅग पर अपने पाठकों के रसास्वादन हेतु प्रकाशित कर रहा हूूं-
बनों ऐसे महायोद्धा न जाए वार इक खाली
मुख से बोल प्यारे हो, न हो कोई गलत गाली
आंखे हो जिनसे सबके सद्गुण ही नजर आए
उठे तारीफ हेतु हाथ बजे ताली पे फिर ताली। - विपुल
भक्ति के भाव में रत मन भजन को छू लेता है
प्रेम के वश पतंगा लौ की अगन को छू लेता है
मिले साहस किसी को तारीफ की तालियों से तो
जमी से उठ के पत्थर भी गगन को छू लेता है। - विपुल
Read More Talee Shayari ताली शायरी
Part 1 Click Here
Part 2 Click Here
बनों ऐसे महायोद्धा न जाए वार इक खाली
मुख से बोल प्यारे हो, न हो कोई गलत गाली
आंखे हो जिनसे सबके सद्गुण ही नजर आए
उठे तारीफ हेतु हाथ बजे ताली पे फिर ताली। - विपुल
भक्ति के भाव में रत मन भजन को छू लेता है
प्रेम के वश पतंगा लौ की अगन को छू लेता है
मिले साहस किसी को तारीफ की तालियों से तो
जमी से उठ के पत्थर भी गगन को छू लेता है। - विपुल
Read More Talee Shayari ताली शायरी
Part 2 Click Here