हमें कार्यक्रम में अक्सर मंच संचालन के समय ऐसी शायरियो की आवश्यकता होती है जो दर्शको से ताली बजाने की अपील करे तो लीजिये आज आपके सामने पेश है मेरी कुछ ऐसी ही शायरिया-
1. कव्वाल की शोभा कव्वालियों से होती है
गुलाब की शोभा उसकी लालियो से होती है
कलाकार की शोभा कलाकारियो से होती है
और दर्शको की शोभा उनकी तालियों से होती है। - विपुल
2. पूजा हो मंदिर में तो थाली भी चाहिए
गुलशन है गुल का तो माली भी चाहिए है
दिल है दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए
कार्यक्रम है हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए- विपुल
3. बिन बूंदो के बारिश का एहसास कैसे होगा
जूनून हो दिल में जिसके वो हताश कैसे होगा
कार्यक्रम के इस रंग का मिज़ाज़ कैसा है
बिन ताली के हमें यह एहसास कैसे होगा। - विपुल
4. खुशियो पर मौज की रवानी रहेगी
जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी
हम युँ कार्यक्रम में चार चाँद लगाते रहेंगे
गर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी। - विपुल
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1. कव्वाल की शोभा कव्वालियों से होती है
गुलाब की शोभा उसकी लालियो से होती है
कलाकार की शोभा कलाकारियो से होती है
और दर्शको की शोभा उनकी तालियों से होती है। - विपुल
2. पूजा हो मंदिर में तो थाली भी चाहिए
गुलशन है गुल का तो माली भी चाहिए है
दिल है दिलवाला तो दिलवाली भी चाहिए
कार्यक्रम है हमारा तो आपकी ताली भी चाहिए- विपुल
3. बिन बूंदो के बारिश का एहसास कैसे होगा
जूनून हो दिल में जिसके वो हताश कैसे होगा
कार्यक्रम के इस रंग का मिज़ाज़ कैसा है
बिन ताली के हमें यह एहसास कैसे होगा। - विपुल
4. खुशियो पर मौज की रवानी रहेगी
जिंदगी में कोई न कोई कहानी रहेगी
हम युँ कार्यक्रम में चार चाँद लगाते रहेंगे
गर आपकी तालियों की मेहरबानी रहेगी। - विपुल
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you have to work here and please appriciate
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