Saturday, 27 December 2014
Monday, 22 September 2014
Thursday, 21 August 2014
नींव Neenv Short story in hindi
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Writer- Ram Chandra lakhara |
एक दिन उसके ही किसी सहकर्मचारी ने उसे नीचा दिखाने के इरादे से कहा कि- “अरे कमलेश! तुम इतने छोटे हो इस आॅफिस में कि तुम्हारा नाम हाजिरी रजिस्टर में सबसे नीचे लिखा हैं।”
कमलेष ने उसकी तरफ देखा और मुस्कुराकर कहा “नींव तो हमेशा मजबूत होनी चाहिए।”
उस साथी का चेहरा देखने लायक था।
लेखक -रामचन्द्र लखारा
Friday, 20 June 2014
Monday, 24 March 2014
काव्य गोष्ठी
विश्व कविता दिवस पर जिला पुस्तकालय में काव्य गोष्ठी में शामिल हुआ, कविता जीवन को कैसे प्रभावित करती और कैसे राजा महाराजा कवियो को संरक्षण देते थे इस पर चर्चा हुई . साथ ही कवियो ने अपनी कविताये भी सुनाई.
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Saturday, 8 February 2014
मेरी शायरिया ……… shayaria........
मेरी शायरिया ………
१. विरह की इस शाम का एक खुबसूरत सवेरा हु
प्रेम की इस खान का एक सिरफिरा पहेरा हु
कलम के इस दीवाने के मुरीद होंगे लाखो मगर
मै कल भी सिर्फ तेरा था मैं आज भी सिर्फ तेरा हु।
२. दर्द न दर्द रहे गर हाथ में तेरा हाथ रहे
हर दिन सुहाना हो गर वक्त से ऊपर तेरा साथ रहे।
३. प्रेम के इस समंदर में एक तुम ही मेरी आस हो
ज़िन्दगी से हु दूर लेकिन तुम ही दिल के पास हो
तेरे हर इम्तिहान को सर आँखों पर रखते है
क्योकि तुम ही मेरी श्रद्धा हो तुम ही मेरा विश्वास हो।
४. रग रग में है जो बिखरी वो खुशबु तुम्हारी है
मैदान इ इश्क़ की बाज़ी इस दिल ने भी हारी है
मुझे यु छोड़ जा बेशक भले पर भूल ना पाओगी
तेरे हर शिकवे पर भारी ये मोहब्ब्त हमारी है।
रामचन्द्र लखारा 'सिणधरी'
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१. विरह की इस शाम का एक खुबसूरत सवेरा हु
प्रेम की इस खान का एक सिरफिरा पहेरा हु
कलम के इस दीवाने के मुरीद होंगे लाखो मगर
मै कल भी सिर्फ तेरा था मैं आज भी सिर्फ तेरा हु।
२. दर्द न दर्द रहे गर हाथ में तेरा हाथ रहे
हर दिन सुहाना हो गर वक्त से ऊपर तेरा साथ रहे।
३. प्रेम के इस समंदर में एक तुम ही मेरी आस हो
ज़िन्दगी से हु दूर लेकिन तुम ही दिल के पास हो
तेरे हर इम्तिहान को सर आँखों पर रखते है
क्योकि तुम ही मेरी श्रद्धा हो तुम ही मेरा विश्वास हो।
४. रग रग में है जो बिखरी वो खुशबु तुम्हारी है
मैदान इ इश्क़ की बाज़ी इस दिल ने भी हारी है
मुझे यु छोड़ जा बेशक भले पर भूल ना पाओगी
तेरे हर शिकवे पर भारी ये मोहब्ब्त हमारी है।
रामचन्द्र लखारा 'सिणधरी'
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