Friday 4 December 2015

कुछ शायरी ताली पर (Shayari for Talee)

मेरे इस ब्लाग पर पाठकों ने ताली पर शायरी को भी खूब सराहा है इसलिए मैं इस बार अपने पाठकों और प्रशंसकों के लिए कुछ और शायरी ताली पर लिखकर लाया हूं।-

कार्यक्रम में खुशियों का महोत्सव हो जाएगा,
समंदर में लहरों का महोत्सव हो जाएगा,
शोभा आपकी और हमारी दो दूनी चार होगी
जब आपकी तालियों का महोत्सव हो जाएगा।

बंधन में है दिल एक बहाली तो बनती है
नीरस से माहौल में एक खुशहाली तो बनती है
यह रंग जो बिखरे है पर्दें पर गर समेटने है तो
जनाब आपकी एक ताली तो बनती है।

दिल से दिल को प्यार भरा पैगाम दिया जाए
होंठों से तारीफ का कोई ईनाम दिया जाएं
आपका और हमार फासला मिट जाएगा पल में
गर तालियों का दिल से सलाम दिया जाए।

- राम लखारा विपुल

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