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Pic Courtesy- Google |
काली काली राते जब खाली खाली लागे जागे
नींद का हुआ व्यापार तय मान लीजिए।
बिन बात हंसने जो लग जाओ दिन रात
प्रेम के हुए बीमार तय मान लीजिए।
देख के प्रिय का भाल, लाल लाल होय गाल
प्रेम का चढा खुमार तय मान लीजिए।
अंग में उमंग का जो रंग चढ जाए तब
हो गया तुम्हें भी प्यार तय मान लीजिए।
- राम लखारा विपुल
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